वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता, शरीर की कोशिकाओं से ही खत्म किया जा सकेगा दिमागी बुखार

आज के समय किस तरह दिमागी बुखार लोगों में फैलता जा रहा। लेकिन मेनिंजाइटिस यानी मस्तिष्क ज्वर के संभावित इलाज की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर लिया गया है। कोपेनहेगन और लुंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए एक अध्ययन में मेनिंजाइटिस के बैक्टीरियल संक्रमण को शरीर के ही प्रतिरक्षी कोशिकाओं के जरिये खत्म करने में सफलता पाई है। मतलब यह कि इस संक्रमण को एंटीबायोटिक के बगैर ही खत्म किया जा सकता है। यह निष्कर्ष ‘ऐनल्ज आफ न्यूरोलाजी’ जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

एंजाइम से हो सकता है इलाज

वैज्ञानिको ने बताया कि यह अध्ययन इस मायने में अहम है कि मेनिंजाइटिस का इलाज एक ऐसे एंजाइम से किया जा सकता है। जो न्यूट्रोफिल्स द्वारा निर्मित जाल को हटाए और इस आधार पर शोधकर्ताओं ने यह सिद्धांत प्रतिपादित करते हुए बताया है कि प्रतिरक्षी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बगैर जाल को गला दिया जाए तो उससे सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड का आवागमन हमेशा के लिए बना रहेगा। 

यह जालनुमा संरचना मुख्यतौर पर डीएनए से तैयार की हुई है होती है। यही नहीं शोधकर्ताओं ने डीएनए को काटने वाले ड्रग्स का उपयोग किया है। जिसके कारण डीएनऐज नाम दिया गया है। यह ड्रग मेनिंजाइटिस पैदा करने वाले बैक्टीरिया न्यूमोकाकस से संक्रमित चूहों को दिया गया।



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