पहले से विवादों में घिरे एनसीपी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की मुश्किलें उस वक्त और बढ़ गई। जब कुछ ड्रक्स केस के एक अहम गवाह ने अपना पाला बदल लिया। प्रभाकर साहिल नाम के एक गवाह ने समीर वानखेड़े पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए और अहम बात यह कि प्रभाकर साहिल के आरोपों के घेरे में किरण गोसावी भी आ गए।
प्रभाकर साहिल अपने लिए सुरक्षा मांगने मुंबई पुलिस कमिश्नर दफ्तर पहुचें और वहां के अधिकारी से मिलेगे। और अपनी सुरक्षा की मांग करेंगे। प्रभाकर साहिल ने बताया कि मेरी जान को खतरा है। उनका विडियों संदेश फैलने में देर नहीं लगी। जिसमें ये कहा कि किरण गोसावी को किसी से फोन पर बात चीत करते सुना था। जिसमें वो 25 करोड़ की डील करने का आॅफर आया था और वो गाड़ी में उन्हें एक फोन आया।
कहा कि 25 करोड़ की डील करो और 18 में फाइनल करो क्योंकि 8 करोड़ समीर वानखेड़े को देना है। प्रभाकर साहिल के मुताबिक किरण गोसावी ड्राइवर और प्रशनल गार्ड के तौर पर उनके साथ काम करते थे। लेकिन उनके इन आरोपो के बाद समीर वानखेड़े की मुश्किलें और बढ़ गई।
खुद एन.सी.बी. के आधिकारियों के सामने आकर ये बताना पड़ा कि समीर वानखेड़े पर लगे आरोपों पर जांच विजिलेंस से करवाई जायेगी। ये भी बताया गया कि जांच के लिए दिल्ली से 3 सदस्यों की टीम मुंबई पहुचेगी। लेकिन समीर वानखेड़े के विरोध में केवल नवाब मलिक नहीं बल्कि शिवसेना भी उतर आई।
संजय राउत का बड़ा बयान:
देश भक्ति का मुखौटा पहनकर राजनिति में और प्रसाशन में केंद्रिय जांच एजेंसी में क्या होता है। उस बारे में अब SIT को गठित करके एक जांच होनी चाहिए। लेकिन जब शिवसेना ने इस मामले में SIT की जांच की मांग उठाई तो बीजेपी ने CBI जांच की गुहार लगा दी।
बीजेपी राम कदम का बड़ा बयान:
कहा कि देश भर में प्रमाणिकता के साथ जो अधिकारी काम कर रहें। तो उनका मनोबल न गिरे इसके लिए इस मामले की जांच CBI करें।
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