1- पटेल को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 192 मौजूदा सदस्यों में से 163 वोट मिले और वह एशिया-प्रशांत समूह में शीर्ष पर रहे। इसमें चीन, दक्षिण कोरिया और जापान के उम्मीदवार भी थे। चीन को 142 वोट ही मिल पाए थे। हिंद-प्रशांत समूह में आठ सीटों के लिए 11 बेहद मजबूत उम्मीदवार थे। इस कारण यह मुकाबला बेहद कड़ा हो गया था।
भारत के बिमल पटेल 163 मतों के साथ शीर्ष पर रहे, जबकि चीन सिर्फ 142 मतों का ही प्रबंधन कर सका। यहां तक कि थाईलैंड 162, जापान 154 और वियतनाम 145 मतों के साथ चीन से आगे रहे। चीन के बाद दक्षिण कोरिया को 140 मत मिले, साइप्रस को 139 और मंगोलिया को 123 वोट हासिल हुए। चीन को दक्षिण और पूर्वी सागर में क्षेत्रीय विवादों में उलझने के कारण पर्याप्त मत नहीं मिल सके।
2- बिमल पटेल एक सम्मानित शिक्षाविद्, न्यायविद और प्रशासक हैं। तीन दशकों से अधिक के अपने पेशेवर करियर के दौरान, उन्होंने गुजरात नेशनल ला यूनिवर्सिटी में निदेशक और भारत के 21 वें विधि आयोग के सदस्य जैसी विभिन्न भूमिकाओं में काम किया है। उन्होंने हेग, नीदरलैंड में संयुक्त राष्ट्र युवा और रासायनिक हथियारों के निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) जैसे वैश्विक संगठनों में 15 वर्षों तक काम किया है।
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